Top latest Five Most powerful sarv karya sidh shabar mantra (karya siddhi shabar mantra most powerful shabar mantra) Urban news



उक्त मन्त्र अध्यात्म निष्ठ, आध्यात्मिक क्षमता से साध्य भौतिक सामर्थ्य को चुनौती जैसी दी गयी है। यह मन्त्र श्रद्धावान् के अनेकों कार्यों को सफल बनाने में परम क्षमतावान हैं। इस मन्त्र की साधना करके मन्त्र सिद्ध कर लेना चाहिए। सिद्ध शाबर मन्त्र ही हमारे कार्यों अथवा साधन को सिद्ध करने में समर्थ्य होते हैं

Sunday, Tuesday, and Trayodashi is the greatest auspicious time for you to attain mastery of the mantra. Once the operate is completed, the devotee need to give some foods to 11 pundits or donate to some needy individuals.

When we chant the mantras with honest faith, our life will be reworked, and we could have success in each area of lifetime.

ॐ पीर बजरङ्गी राम लक्ष्मण के सङ्गी जहाँ जहाँ जाय फ़तेह के डंके बजाय माता अञ्जनी की आन



आगा बाँध , पीछा बाँध , घर के चारों कोने बाँध ।

हाँ, लेकिन शुभ मुहूर्त में जप करना अधिक प्रभावी होता है।

संसार के समस्त भोग एवं भोग के बाद सभी योग की क्रिया प्रक्रिया स्वस्थ और निरोग शरीर से ही संपन्न होता है

भगवती कामाख्या विविध रत्नों से शोभित सिंहासन पर बैठी हुई हैं। भगवती कामाख्या मन्द-मन्द मुस्करा रही हैं। भगवती कामाख्या उन्नत पयोधरोंवाली हैं। कृष्ण-वर्णा भगवती कामाख्या के बड़े-बड़े नेत्र हैं।

डाक्नी-साकनी सौदागरी ! झाड-झाटक-पटक-पछाड !सर खुला मुख बला, नहि तो माता कालका का दुध हराम ! शब्द सांचा,पिण्ड कांचा !चलो भैरब , ईश्वरो बाचा !”

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प्रतिदिन जब भी सिंह औ वृश्चिक लग्न हो और वह हो दिन का अंतिम प्रहर हो तब संतान गोपाल यंत्र के सामने बैठकर पुत्र प्राप्ति यन्त्र या संतान गोपाल यंत्र का जाप करें। यू तो संतान गोपाल मंत्र का जाप बहुत से लोग करते हैं लेकिन जब विवाह को पांच-सात वर्ष हो गये हो और संतान न हो रही हो तो उन लोगों के लिए यह जाप सिंह या वृश्चिक लग्न में ही करना चाहिए और वह भी तब जब दिन समाप्ति पर हो।

हर मनुष्य चाहता है कि उसमें विशेषकर आकर्षण, सम्मोहन व्यक्तित्व चुम्बकत्व हो, जिनमें जीवन का सार सिमटा हो

सात वर्षों तक जप करने से 'देवत्व' नौ वर्षों तक जप करने से ‘मनुत्व' तथा दश वर्षों तक जप करने से 'इन्द्रत्व' प्राप्त होता है। ग्यारह वर्षों तक जप करने से 'प्रजापति' तथा बारह वर्षों तक जप करने वाला मनुष्य साक्षात् 'ब्रह्मा' के समान हो जाता है। कामाख्या-तंत्र वह कल्पवृक्ष है, जिससे मनुष्य सर्वाभीष्ट सिद्ध कर सकता है।

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